Thursday, August 29, 2019

СМИ: Олег Сенцов доставлен в Москву "в рамках процесса обмена"

Российские СМИ сообщили, что украинский режиссер Олег Сенцов, отбывающий 20-летний срок в Ямало-Ненецком автономном округе (ЯНАО), доставлен в бутырскую тюрьму в Москве. Эти сообщения появились на фоне ожидаемого обмена заключенных между Россией и Украиной.

Осужденный за подготовку теракта в Крыму режиссер Сенцов этапирован из колонии в Москву. Об этом со ссылкой на свои источники сообщают агентства Интерфакс и ТАСС. Ранее об этом сообщал телеграм-канал Baza, ссылаясь на источник в колонии в Лабытнанги.

"Сенцов переправлен из колонии в ЯНАО, где он отбывал наказание, в Москву - в "Бутырку", - сказал собеседник Интерфакса.

"Он доставлен в Москву в рамках проходящего процесса обмена", - добавил источник Интерфакса.

Другой источник Интерфакса сказал, что Сенцов мог быть доставлен в СИЗО "Лефортово", а не в бутырскую тюрьму.

Официальных комментариев по этому поводу пока нет. Ранее сомнения по поводу этой информации высказал адвокат. Замглавы Федеральной службы исполнения наказаний Валерий Максименко сообщил радио "Говорит Москва", что не располагает информацией об осужденном Сенцове.

"Адвокат Дмитрий Динзе пока не подтверждает информацию об этапировании Олега Сенцова из Лабытнанги. Всего несколько дней назад он был еще там, получил письма. Однако спецэтап авиацией мог перевезти его в течения дня", - написал в своем телеграм-канале руководитель правозащитной группы Агора Павел Чиков.

На прошлой неделе российские СМИ сообщали, что Сенцов не будет участвовать в обмене задержанными на Украине и в России.

О том, что Москва и Киев вышли на финальную стадию согласования обмена удерживаемыми на территории обеих стран лицами, на прошлой неделе сообщали российские СМИ и адвокаты задержанных и осужденных. Президент Украины Владимир Зеленский сделает все, чтобы обмен состоялся, это его личная инициатива, пишет в четверг "Коммерсант".

Накануне Киевский апелляционный суд освободил из-под стражи руководителя РИА Новости-Украина Кирилла Вышинского, обвиняемого в госизмене. Мера пресечения изменена на личное обязательство.

Wednesday, August 21, 2019

चीन-नेपाल संबंधों से चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है भारत कोः नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की पांचवी बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज नेपाल जा रहे हैं. जहां वो नेपाल के अपने समकक्ष प्रदीप कुमार ज्ञवाली से मुलाक़ात करेंगे.

बीबीसी हिन्दी रेडियो ने एस जयशंकर की यात्रा के संबंध में, भारत-पाकिस्तान रिश्तों पर, अनुच्छेद 370 पर और चीन-नेपाल बनाम भारत-नेपाल संबंधों पर नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली से बात की.

ये तो सभी लोग जानते हैं कि नेपाल और भारत के बीच बहुत क़रीबी संबंध हैं. ये संबंध सिर्फ़ राजनीतिक स्तर पर ही नहीं है. ये संबंध बेहद व्यापक हैं. लोगों के स्तर पर, व्यापारिक स्तर पर, आर्थिक स्तर पर, सांस्कृतिक स्तर पर हमारे संबंध बहुत मज़बूत हैं और इस मज़बूत संबंध को और मज़बूत बनाने के लिए दोनों देशों के बीच कई तरह की प्रक्रियाएं हैं.

और उसी में एक ये संयुक्त आयोग की बैठक है जिसमें दोनों देशों के समकक्ष मिलेंगे. हमारी उम्मीद है कि जिस तरह से बीते कई सालों से हमारे संबंध बेहतर होते रहे हैं ये बैठक हमारे संबंधों को और बेहतर करेगी. हमारी उम्मीद है कि ये बैठक हमारे संबंधों को और सुदृढ़ बनाएगी.

आप जानती होंगी कि नेपाल अभी सार्क का अध्यक्ष भी है. हमारा पूरा विश्वास है कि वहां जो कुछ विकास का काम है वो सही दिशा में आगे बढ़ेगा. इसकी वजह से क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. हमारा यह विश्वास है कि जितनी भी समस्याएं हैं उन समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान है. इसलिए हम आग्रह करते हैं कि किसी भी पक्ष की तरफ़ से शांति-स्थायित्व और देश-देश के बीच के संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई क़दम नहीं उठाया जाना चाहिए. सभी को क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व में योगदान करना होगा. हमारा विश्वास है कि भारत का जो सक्षम नेतृत्व है वो इस समस्या का सही ढंग से समाधान करने में कामयाब होगा.

नेपाल अपनी शुभकामना देता है. हमारे बहुत से नेपाली लोग वहां काम करते हैं और हम भारत सरकार के निकट संबंध में रहकर वहां की स्थिति का लगातार जायज़ा ले रहे हैं. हमारे लिए संतोष की बात है कि सभी नेपाली लोग सुरक्षित हैं और हमारा विश्वास है कि वहां कुछ भी ऐसा नहीं होगा जिससे उन्हें कोई समस्या होगी. इसके अलावा जिस दिशा में भारत आगे बढ़ रहा है, विकास के उस कदम पर हमारी ओर से उसे शुभकामना है. और जितनी भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएं हैं वो सफलतापूर्वक आगे बढ़ें, यही हमारी शुभकामना है और विश्वास भी.

मुझे लगता है कि दोनों देशों को आगे की ओर देखना है. भविष्य में देखना है. बीते वक़्त में जो कुछ हुआ वो इतिहास हो गया. हमें भविष्य की ओर देखते हुए आगे बढ़ना होगा क्योंकि भारत और नेपाल के संबंध इतने बहुआयामी हैं, इतनी निर्भरता है कि हमें संयुक्त रूप से आगे बढ़ना ही होगा. इसका कोई विकल्प नहीं है. दोनों देशों का भविष्य और हित इसी में है कि हम नए नजरिए के साथ आगे बढ़ें और हम बढ़ रहे भी हैं. मुझे लगता है कि विगत में जो कुछ भी हुआ उसकी कोई परछाई अब नहीं पड़ेगी. लेकिन ये ज़रूर है कि उससे सबक तो ज़रूर सीखना होगा. दोनों देशों को इस बात का बोध भी है लेकिन अब बीती बात को और पीछे मुड़कर नहीं देखना है. आगे देखना होगा.

हम भारत की इस स्थिति को समझते हैं. हम यहां भारत के दूतावास के संपर्क में हैं और भारत में नेपाल का दूतावास भी भारत सरकार के संपर्क में है. हमारी शुभेच्छा भी हम भारत के साथ साझा कर चुके हैं.

मुझे लगता है कि यह चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. भारत और चीन नेपाल के दो पड़ोसी हैं और हम पड़ोसियों की तुलना नहीं करते हैं. लेकिन भारत से जो हमारा बहुआयामी संबंध है उसकी किसी से तुलना नहीं होती और हम किसी से तुलना करना भी नहीं चाहते हैं. इसलिए नेपाल अगर अपने दूसरे देशों से संबंध बढ़ाता है तो भारत को समझना चाहिए और वे समझते भी हैं कि ये भारत के हित के विपरीत नहीं है. नेपाल अपने मित्र देशों के हित के ख़िलाफ़ कोई क़दम नहीं उठाता और ना ही कोई ऐसी गतिविधि होने देता है. इसलिए हमारे और दूसरे देशों के संबंधों की वजह से कोई भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है और मुझे लगता है कि भारत का नेतृत्व इसे बख़ूबी समझता भी है.

新冠灭活疫苗研制企业:年内完成疫苗生产车间建设

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